अकादमी द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में अपनी प्रकृति अनुरूप विभिन्न सांगीतिक एवं अन्य कलाओं पर केंद्रित कार्यक्रमों का आयोजन एवं समन्वय किया गया है, जिनमें शास्त्रीय संगीत-नृत्य प्रशिक्षण कार्यशालाएँ, गुरु पूर्णिमा संगीत समारोह, नाना साहबे पानसे, उस्ताद लतीफ खाँ की स्मृति में दुर्लभ वाद्य प्रसगं, पं.नदं किशोर शर्मा स्मृति समारोह, राग अमीर समारोह, गढ़कुंडार महोत्सव, विरासत महोत्सव, पण्डित कृष्ण राव शकंर पण्डित स्मृति समारोह, तानसने समारोह - ग्वालियर, खजुराहो नृत्य समारोह - खजुराहो, अलाउद्दीन खाँ संगीत समारोह - मैहर, कुमार गन्धर्व समारोह - देवास, राग अमीर समारोह - इंदौर, इत्यादि प्रमुख समारोह हैं।
अकादमी के अन्तर्गत दो प्रमुख संगीत केन्द्र:-
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विशुद्ध एवं अत्यन्त प्राचीन गायन शैली ध्रुपद के नाम से विख्यात है। इस केंद्र ,में गुरु-शिष्य परम्परा के अतंर्गत छात्रवृत्ति पर विद्यार्थियों को ध्रुपद गायन का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
रायगढ़ घराने के महान नृतक महाराज चक्रधर सिंह की स्मृति में कथक नृत्य शैली की शिक्षा लगभग चार दशकों से अकादमी द्वारा गुरु-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत प्रदान की जा रही है। चक्रधर नृत्य केंद्र से अनके छात्रा ने कथक नृत्य में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त किया।