Sunday 5th of May 2024 09:17:00 AM

उद्देश्य

अकादमी गठन के मुख्य उद्देश्य / गतिविधियां


       मध्यप्रदेश उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी वास्तव में प्रकृति का प्रतिरूप है। प्रकृति के पाँच तत्व जलए अग्रिए वायुए पृथ्वी और आकाश हैं तो इस अकादमी के भी वैसे ही पाँच तत्व हैं कलाए नृत्यए गायनए संगीत एवं नाटक। एक मनुष्य का जीवन इन पाँच तत्वों से ही ऊर्जावान होता हैए ज्ञानवान होता है, सृजनात्मकता की ऊर्जा इन्हीं तत्वों से मिलती है। अकादमी भी प्रकृति की भाँति निरपेक्ष होकर अपने कार्यों को सृजनात्मकता से संसार का परिचय कराता रहा है। लगभग छरू दशक बाद जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो लगता है कि मध्यप्रदेश उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के इतिहास का दस्तावेजीकरण न केवल समय की जरूरत है बल्कि नवागत पीढ़ी इस बहाने अपने मध्यप्रदेश की विरासत को समझ और जान सकेगी। मध्यप्रदेश को एक विशाल हिन्दी प्रदेश का दर्जा दिया गया और इसे हिन्दुस्तान का ह्दयप्रदेश कहा गया। मध्यप्रदेश की यात्रा के साठ वर्ष पूरे हो चुके है। इन साठ वर्षों में संस्कृतिए परम्पराए इतिहास और साहित्य, कला और लोक कला, गीत और संगीत, नृत्य और नाटक हर विधा में मध्यप्रदेश ने अपनी छाप छोड़ी है। भारत भवन की स्थापना ने कला की दुनिया में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को कला की राजधानी की कलगी पहनायी। मध्यप्रदेश सांस्कृतिक वैभव वाला प्रदेश होगा। इसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की होगी। वर्तमान मध्यप्रदेश यात्रा आरंभ होने के चार साल पहले ही मध्यभारत कला परिषद् का नाम की एक ऐसी बहुआयामी संस्था के माध्यम से कला और संस्कृति के संरक्षण.संवर्धन की पलह आरंभ हो गयी थी। मध्यप्रदेश के बनने के साथ.साथ यह पहल परवान चढ़ती गयी। 1952 से लेकर 1956 के बीच महज चार साल का फासला था और इस चार साल के बीच हुआ हर काम कालजयी बना। नये मध्यप्रदेश की स्थापना के साथ ही मध्यभारत कला परिषद् को नया नाम मिला। मध्यभारत कला परिषद् का नाम बदल गया और मुकाम ग्वालियर ही रहा। ग्वालियर के ठिकाने से ही मध्यप्रदेश कला परिषद् कला और संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन की न केवल योजनाएँ बनाता रहा बल्कि उन्हें मूर्तरूप देता रहा। महान संगीतज्ञ तानसेन की नगरी से अपनी बहुआयामी सांस्कृतिक गतिविधियों को आरंभ करने वाला कला परिषद् साल दर साल नयी सर्जना और रचना में जुटा हुआ है।


       इस पूरे सफर में मध्यप्रदेश कला परिषद् ने धूप, छाँह के दिन भी देखे हैं। मध्यभारत कला परिषद् से मध्यप्रदेश कला परिषद् बन जाने के करीब तीन दशकों तक कला एवं संस्कृति की विविध गतिविधियों का सफल संचालन करता रहा है। विकास के साथ विस्तार प्रकृति का नियम है और लोक तांत्रिक व्यवस्था भी इस विस्तार में अपनी सहमति जताता है। इसी व्यवस्था के चलते मध्यप्रदेश कला परिषद् का विकेन्द्रीकरण शुरू हुआ। साहित्य को लेकर साहित्य परिषद्, आदिवासी और लोक कलाओं के लिये आदिवासी लोक कला परिषद्, भाषायी स्तर पर उर्दू, सिन्धी अकादमी, संस्कृति को लेकर कालिदास अकादमी आदि का संरचना हुई। भारत भवन का निर्माण व्यापक सोच और दृष्टि के साथ हुआ जिसके चलते कला एवं संस्कृति के संसार में मध्यप्रदेश की पृथक पहचान बनी। इसी क्रम में अकादमी की प्रमुख गतिविधियाँ निम्‍न प्रकार से है : -


क्रं.

कार्यक्रम का नाम

विवरण

1

तानसेन समारोह- ग्वालियर
 

संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति को चिरस्थायी बनाये रखने के उद्देश्य से आयोजित यह देश का एक वृहद संगीत समारोह है जिसे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। इस छह दिवसीय समारोह में देश के वरिष्ठ एवं प्रतिभाशाली युवा कलाकार अपनी कला के माध्यम से संगीत सम्राट तानेसन को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित कर स्वयं को धन्य समझते हैं, अब तक इस समारोह में देश के अनेक शीर्षस्थ गायकों ने शिरकत की है। तानसेन समारोह को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देते हुए संगीत सभाओं के अलावा अन्य प्रमुख गतिविधियाँ भी समारोह के साथ जोड़ी गई हैं जिसमें गमक, विश्व संगीत, वादी-संवादी, प्रदर्शनियाँ एवं गुजरी संगीत सभा शामिल है।

2

उस्ताद अलाउद्दीन खाँ समारोह-मैहर

विख्यात संगीत मनीषी पद्मविभूषण स्वर्गीय बाबा अलाउद्दीन खाँ की स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के उद्देश्य से मैहर, जिला-सतना में अकादमी द्वारा वर्ष 1979-80 से प्रतिवर्ष इस समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत-नृत्य के वरिष्ठ एवं युवा कलाकार अपनी कला के माध्यम बाबा को अपनी संगीतांजलि अर्पित करते हैं। यह समारोह राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त समारोह है। इस तीन दिवसीय समारोह को विस्तृत स्वरूप देते हुए डोम पंडाल स्थापित कर संगीत सभाओं के साथ भारतीय लघुचित्र शैलियों में राग-रागिनियों पर एकाग्र चित्रों की प्रदर्शनी राग मालातथा उस्ताद की सांगीतिक दुनिया आलमनामाको भी संयोजित किया जाता है।

3

राग अमीर (उस्ताद अमीर खाँ की स्मृति में) - इन्दौर

वरिष्ठ संगीतकार उस्ताद अमीर खाँ की स्मृति अकादमी द्वारा विगत 26 वर्षों से इन्दौर में प्रतिवर्ष राग अमीर समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के वरिष्ठ एवं युवा कलाकार उस्ताद अमीर खाँ को अपनी संगीतांजलि अर्पित करते है। इन्दौर में आयोजित किया जाने वाला यह राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है, जिसमें अब तक अनेक वरिष्ठ एवं युवा कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके है। संगीत सभाओं के अलावा ललित कलाओं पर केन्द्रित प्रदर्शनी रंग अमीर’ , ‘कला विमर्शएवं रागदारीसंगीत व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाता है।

4

कुमार गंधर्व समारोह- देवास

मूर्धन्य संगीतकार पण्डित कुमार गन्धर्व की स्मृति में अकादमी द्वारा वर्ष 1992-93 से देवास में प्रतिवर्ष कुमार गन्धर्व समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह मंे देश के प्रसिद्ध एवं युवा प्रतिभाशाली कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अकादमी के इस आयोजन को कुछ वर्षों पहले पण्डित कुमार गन्धर्व के 75वें जन्म वर्ष के दौरान वर्ष भर कड़ी के रूप विभिन्न शहरों में आयोजित किया गया जिसे अच्छी सफलता प्राप्त हुई। समारोह के अवसर पर शासन द्वारा स्थापित कुमार गन्धर्व सम्मान से किसी एक युवा कलाकार को सम्मानित भी किया जाता है।

5

खजुराहो नृत्य समारोह- खजुराहो
 

अकादमी द्वारा आयोजित किया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त समारोह है। इस सात दिवसीय समारोह में देश के शीर्षस्थ और युवा प्रतिभाशाली नृत्यांगनाएँ एवं नर्तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यह समारोह मध्यप्रदेश नहीं अपितु देश-विदेश के कला जगत में अत्यंत लोकप्रिय समारोह है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विभिन्न शैलियों का यह प्रतिष्ठित समारोह है। समारोह की उत्सवधर्मिता की स्थायी पहचान के लिए भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूपों की मुख्य प्रस्तुतियाँ आयोजित होती है। साथ ही अनुषांगिक गतिविधि नेपथ्य-शास्त्रीय नृत्य शैली की कलायात्रा, कलावार्ता-कलाकार और कलाविदों का संवाद, हुनर-देशज कला परम्परा का मेला, आर्ट-मार्ट- ललित कलाओं का अंतर्राष्ट्रीय मेला, अलंकरण-मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार एवं प्रदर्शनी में वृद्धि करते हुए कला परम्परा और कलाकारों पर केन्द्रित फिल्मों के प्रदर्शन की नयी गतिविधि अंतर्राष्ट्रीय फिल्म प्रभाग चल-चित्रकला परम्परा और कलाकारों पर केन्द्रित फिल्मों का उपक्रम शीर्षक से नवाचार के तहत विशेष रूप से आरम्भ की गई।

6

बैजू बावरा संगीत समारोह – चंदेरी

महान संगीतज्ञ बैजू बावरा की स्मृति में इस वर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम चंदेरी जिला अशोक नगर में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।