Sunday 13th of October 2024 01:32:35 AM

स्थापना

अकादमी का गठन


वर्ष 1952 में बनी मध्यभारत कला परिषद् और 1956 में नया नाम पाने वाली मध्यप्रदेश कला परिषद् का यह संक्षिप्त इतिहास केवल उसका प्राथमिक परिचय है। मध्यप्रदेश उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के कार्यों का जायजा लेने निकलेंगे तो देश की बहुप्रतिष्ठित संस्था संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली से कमतर नहीं है। उम्र में भी और अपने काम में भी। मध्यप्रदेश उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी वास्तव में प्रकृति का प्रतिरूप है। प्रकृति के पाँच तत्व जल, अग्रि, वायु, पृथ्वी और आकाश हैं तो इस अकादमी के भी वैसे ही पाँच तत्व हैं कला, नृत्य, गायन, संगीत एवं नाटक। एक मनुष्य का जीवन इन पाँच तत्वों से ही ऊर्जावान होता है, ज्ञानवान होता है, सृजनात्मकता की ऊर्जा इन्हीं तत्वों से मिलती है। अकादमी भी प्रकृति की भाँति निरपेक्ष होकर अपने कार्यों को, सृजनात्मकता से संसार का परिचय कराता रहा है। लगभग छरू दशक बाद जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो लगता है कि मध्यप्रदेश उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के इतिहास का दस्तावेजीकरण न केवल समय की जरूरत है बल्कि नवागत पीढ़ी इस बहाने अपने मध्यप्रदेश की विरासत को समझ और जान सकेगी।