Sunday 5th of May 2024 01:59:01 PM

योजनाएं

प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण वृत्ति के लिए 


चक्रधर कथक केन्‍द्र और  ध्रुपद केन्द्र  

इन केन्‍द्रो के स्‍थापित होने के पीछे यह दृष्टी है कि वर्तमान भारतीय विश्‍वविद्यालय शिक्षा व्‍यवस्‍था में शास्त्रीय नृत्‍य और संगीत में ऐसे छात्र नहीं निकल पाते जो विश्‍वविद्यालय से बाहर आकर अपने क्षेत्रों में श्रेष्‍ठता पा सकें। सम्‍भवत: साधारण विश्‍व/महावि़द्यालयीन शिक्षा व्‍यवस्‍था औपनिवेशिक दृष्टि से ही तैयार की गई थी जिसमें हमारी पारम्‍परिक कला-विधाओं की न तो समझ थी और न उनके शिक्षण की सम्‍भावना का कोई मॉडल ही उनके पास था, इसलिए विश्‍वविद्यालयीन पद्धति इन विद्याओं/कलाओं के लिए अनुपयुक्‍त सिद्ध हुई है। स्‍वतंत्र भारत में ऐसे बहुत कम प्रयास हुए हैं जिनमें शिक्षा व्‍यवस्‍था को उन अनुशासनों के अनुरूप बनाया गया हो जिनमें वह दी जा रही थी।

चक्रधर कथक नृत्‍य केन्‍द्र, धुपद केन्‍द्र की स्‍थापना के पीछे शिक्षा के औपनिवेशिक दृष्टि को दुरूस्‍त कर पारम्‍परिक भारतीय शिक्षा को पुन: स्‍थापित करना रहा है। यह शिक्षा गुरू केन्द्रित हुआ करती हैं और इसका उद्देश्‍य ऐसे नृत्‍य और संगीत कलाकार (नर्तक या नर्तकी, गायन या गायिकाएँ) तैयार करना होता है जो अपने प्रदर्शनो में पारम्‍परिक अन्‍त दृष्टि को ध्‍यान में रखकर बनाया गया था। इन केन्‍दों की स्‍थापना का प्रयोग एक तरह की परम्‍परा की सफल पुन:स्‍थापना ही सिद्ध हुई क्‍योंकि इससे उत्‍तीर्ण अनेक छात्र आज देश के महत्‍वर्पूण नर्तक/नृत्‍यांगनाएँ, गायक/गायिकाएँ हैं।

भारत ऐसे पहली संस्‍कृति है जिसमें अन्‍यान्‍य कलारूपो के अन्‍तर्सम्‍बन्‍धों का सैद्धान्तिक आधार उपलब्‍ध है। इसे घ्‍यान में रखकर ये केन्‍द्र कथक नृत्‍य, ध्रुपद्र और ख्‍याल गायकी के प्रशिक्षण को अन्‍य कला साहित्‍य विशेषज्ञों की उपस्थिति (व्‍याख्‍या का प्रदर्शन आदि) से परिपूर्णकर सकेगा।

गुरू-शिष्य परम्परा के अंतर्गत संचालित किये जा रहे प्रशिक्षण केन्द्रों यथा चक्रधर नृत्य केन्द्र एवं ध्रुपद केन्द्र में प्रशिक्षण का सत्र चार वर्ष का होता है। सत्र पूरा होने पर नये सत्र के लिए प्रशिक्षणार्थियों के आवेदन विज्ञप्ति जारी कर आमंत्रित किये जाते हैं। आमंत्रित आवेदनों में से साक्षात्कार के माध्यम से चयन समिति द्वारा योग्य प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया जाता है। जिन्हें प्रतिमाह राशि रुपये 3000=00 की प्रशिक्षणवृत्ति दी जाती है।


1. ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर  अभिजीत सुखदाणे (गुरु) 9425712450 

यखिलेश बघेल (सहायक गुरु)8989826989 

अनुज प्रताप सिंह (सहायक गुरु)9039357950 


2. ध्रुपद केन्द्र, भोपाल 
अफ़ज़ल हुसैन (गुरु)7999596388

कौशल किशोर द्विवेदी (सहायक गुरु)8871477628 

3.  चक्रधर केन्द्र, भोपाल  
अल्पना वाजपेयी (गुरु )9977071465

सृष्टि गुप्ता (सहायक गुरु)8770753117